The mission of The Revolution is to enlarge and enrich our platforms and portfolios for Society's Upliftment & Economic Development of individuals.
Paramount of a successful organization This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

Paramount of a successful organization

एक कंपनी को सफल बनाने में कई चीजों का रोल है, जैसे बजट, प्लानिंग, कन्ज्यूमर और कर्मचारी। लेकिन एक संस्था की सफलता में कर्मचारियों का बहुत अहम रोल होता है। बिजनेस, रोजगार या फिर किसी भी कारण से, हम में से ज्यादातर लोग किसी न किसी ऑग्रेनाइजेशन से जुड़े हुए हैं, लेकिन आपको क्या लगता है कि एक आग्रेनाइजेशन में, वो संस्था खुद सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है, या फिर इसके कर्मचारी? आग्रेनाइजेशन कोई भी हो, सभी में एक बात सेम है, कि वो सब अंततः सफल होना चाहती हैं। चाहे जिन्होंने इसे बनाया है वो, या फिर भूतपूर्व और वर्तमान में काम करने वाले कर्मचारी हों, किसी भी संस्था की सफलता उसके सदस्यों पर निर्भर करती है। संस्था के फाउंडर और अध्यक्षों की सूझबूझ, ज्ञान और अनुभव, कंपनी को सफल बनाते हैं। वहीं कंपनी का हर छोटे से लेकर बड़ा कर्मचारी, आपके मिशन और विजन को अंजाम देता है। वो कंपनी की “जान” हैं। लेकिन कई बार, डिफरेंट व्यूज के कारण कई सीनियर और युवा कर्मचारियों में आपस में अनबन हो जाती है। जाहिर सी बात है, संस्थाओं को जिंदा रखना है, तो यंग empolyee बहुत जरूरी हैं। इसलिए घर-परिवार की तरह, आग्रेनाइजेशन में भी जेनेरेशन गैप को सही तरीके से समझने, उसका सम्मान करने की जरूरत है, ताकि विचारों की भिन्नता को smoothly मैनेज किया जा सके।

Paramount of a successful organization This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani
Paramount of a successful organization This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

किसी भी ऑग्रेनाइजेशन के साथ जुड़ने के पीछे, हमारे अलग-अलग मकसद हो सकते हैं। नौकरी, खुद की ग्रोथ और पैसा कमाने के अलावा, कुछ लोग संस्थाओं में टाइमपास के लिए जुड़ते हैं, कुछ अपनी जान-पहचान बनाने के लिए और कुछ सिर्फ किसी के रेकमेंड करने पर उसका हिस्सा बन जाते हैं। सभी आग्रेनाइजेशन में कुछ एक्टिव सदस्य होते हैं, तो कुछ Inactive! कोई लीडर न होते हुए भी, हर समय धाक जमाता है। हालांकि सक्रिय लोग ही लीडर बनते हैं। एक आग्रेनाइज में हर कोई चाहता है कि उनके हेड से लेकर, साथ काम करने वाले लोग सही तरीके से पेश आएं। मान लीजिए कोई पुराना कर्मचारी, नए इम्पालोई को काम सिखाने और उसकी स्किल्ज इंप्रूव करने की हर संभव मदद करता है। ऐसा वरिष्ठ कर्मचारी, अपना उच्च पद, सही मायने में डिजर्व करता है। अगर आपको भी किसी वरिष्ठ कर्मचारी ने ऐसे ही, उंगली पकड़कर हर काम करना सिखाया है, या फिर आपके साथ हमेशा खड़ा रहा है, तो उन्हें कभी मत भूलिएगा। इसके अलावा लीडरशिप का मतलब, तानाशाह बनना नहीं, क्योंकि ऐसे लीडर पर कर्मचारी विश्वास नहीं करते। एक सच्चा लीडर शिक्षक, गाइड और मेंटर होता है, उसे कभी भी नफरत या ईर्ष्या की नजरों से नहीं देखना चाहिए। एक कंपनी के लिए हर किसी की राय बहुत अहमियत रखती है, क्योंकि कई बार देखने को मिला है, कि जिनसे उम्मीद भी नहीं होती, वो भी ग्रेट आइडिया दे देते हैं।

टीमवर्क, कोलैबोरेशन, एक क्लीयर विजन, इनोवेटिव सोच और कर्मचारियों की स्किल डेवलपमेंट कंपनी की सक्सेस के लिए बहुत जरूरी है। एक कंपनी की सबसे अहम इन्वेस्टमेंट इसके इम्पलोइ हैं। उनका कौशल, प्रतिभा और विचार संगठन के लिए मायने रखते हैं। जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है, व्यवसायों को भी तेजी से बदलना चाहिए। इसका जीवंत उदाहरण, हम सब ने कोविड 19 में देख लिया है। संगठन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि प्रत्येक कर्मचारी अपने काम के लिए कितना सीरियस है! लापरवाह रवैये वाले कर्मचारी संगठन के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ताज्जुब की बात है कि कोई 2 लोग अगर मिलकर एक बिजनेस शुरू करते हैं, तो पॉसिबिलिटी है कि वो लंबे समय तक नहीं चलेगा। लेकिन एक ऑग्रेनाइजेशन में सैकड़ों-हजारों लोगों के बावजूद, कंपनियां सालों से भी ज्यादा समय तक चलती रहती हैं। कोई इॅम्पलोई, एक कंपनी से दूसरी कंपनी में चला जाता है, और सिलसिला हमेशा चलता रहता है। किसी इम्पलोई के चले जाने से कंपनी बंद नहीं होती, लेकिन कंपनी को छोड़ने पर कर्मचारी का, उस कंपनी के साथ रिश्ता जरूर वहीं खत्म हो जाता है। अगर हर कंपनी कर्मचारियों की जॉब सेटिस्फेक्शन, उनकी ग्रोथ और सम्मान सुनिश्चित करती है, तो यह उस संगठन को अपने कर्मचारियों के साथ लाँग टर्म रिलेशन बनाए रखने में मदद करती है। यह कहा जा सकता है कि इंम्पलोई नहीं, बल्कि कंपनी सर्वोपरि है, हालांकि इसकी सफलता का मापदंड इसके सदस्य ही हैं। अक्सर जब हम शुरुआत करते हैं, तो हमें डाउट होता है कि पता नहीं बिजनेस सफल होगा, या नहीं। लेकिन हमें हमेशा अपनी परिस्थितियों को बदलने की हर कोशिश करनी चाहिए। द रेवोल्यूशन - देशभक्त हिंदुस्तानी सिर्फ यही कहना चाहता है कि सपनों को पाने और समस्याओं को हल करने के लिए, उस फील्ड के एक्सपर्ट लोगों की सलाह से, एक न एक दिन सफलता मिल ही जाएगी, आखिर रोम भी तो, सिर्फ एक दिन में नहीं बना था। सपने देखने वाले ही दुनिया को बदलते हैं, वो आप भी हो सकते हैं!